इक सफर हो ऐसा
हमसफर मेरे
नजारे हो खूबसूरत
रास्ते हो अजनबी
और बक्त ठहर जाये
-© Sachin Kumar#kabita
Picture Crédit - Self
मन में उठने वाली भावनाओं के ज्वार का वेग जब प्रबल होता है . इन भावनाओं से उत्पन्न मन की अनुभूतियों कलमबद्ध करने की एक कोशिश ...
मुक होकर भी उन्मुक्त उसका प्रेम है अपलक निहारते ही खुशियों की तरंग स्पंदित कर जाती है, निस्वार्थपुर्ण उसका सारा जीवन इस धरा पर तू ही तो ...
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