मेरे राम
भोर की पहली किरण हो तुम
सुबह की शुरुआत राम-राम से
हृदय की असीम गहराइयों में
तुम ही तो बसे हो
मेरे राम
प्रेम तुम ही हो
अनुराग तुम ही हो
मेरे राम
जीवन की बस एक अभिलाषा
राम मय हो सारा जीवन
मेरे राम
अब कहां ???
आ_राम तेरे बिना
मेरे राम !!!
-© सचिन कुमार 🖋
Picture credit :printerest
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें