शनिवार, 9 मई 2020

मेरे घनश्याम

मन के  दर्पण में तलसता 
कहाँ छुपा बैठा हैं मेरे घनश्याम
नश्वर जीवन की अनंत यात्रा के
तुम ही एक सच्चा साथी हो 
मुझ में तुम हो, तुम में मैं हूँ 
पर तेरी लीला तुम ही जानो 
मुझे नहीं इससे कोई काम
बस एक मात्र विनय तु सुनले मेरी 
इस जीवन के सत्य का बोध करा दे 
जीवन के इस गूढ रहस्य का 
अमृत पान करा तु  प्रभु जी मेरे
सारे भ्रम जाल मिटा दे ...! 
 
                   -© Sachin Kumar 


picture credit: Pinterest 

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