बुधवार, 20 मई 2020

काले काले बादल

काले काले बादलों की अठखेलियां
ठंडी पुरवा हवा के झोंके
खुशगवार मौसम का मिजाज
बारिश की बूंदों का बरसना
प्यासी मिट्टी से आती  
सौंधी खुशबू की महक
 निशब्द करने वाली
 प्रकृति की अनुपम सुंदरता
 यही तो है 
ईश्वर का साक्षात वरदान !!!
 
           -© सचिन कुमार🖋
 
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बुधवार, 13 मई 2020

शून्य


'जीवन'
शून्य से आरंभ हुआ ;
अंत भी शून्य में
जिसका आरंभ है,
उसका अंत भी है,
जिसका अंत है ,
उसका आरंभ भी
आरंभ और अंत बीच में
कर्म की प्रधानता है,
कर्म का अकाट्य सिद्धांत है,
जिसका जैसा कर्म उसकी वैसी गति
जन्म जन्मांतर के संचित कर्म ही
हमारे सुख और दुख का कारण है,
इहलोक और परलोक 
दोनों हमारे कर्म पर ही निर्भर है !
                  
                    -© Sachin kumar🖋


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सोमवार, 11 मई 2020

आरंभ तुम और अंत तुम


कैलाशपति तुम ही हो
 केदारनाथ तुम
 उमापति तुम ही हो
 भोलेनाथ तुम
 नीलकंठ तुम ही हो
 महादेव तुम
 भूतनाथ तुम ही हो
 मृत्युंजय तुम
 विश्वनाथ तुम ही हो
 वैद्यनाथ तुम
 महाकाल तुम ही हो
 सोमनाथ तुम
 रूद्र तुम ही हो
 नटराज तुम
 आरंभ तुम ही हो
 और अंत तुम

🙏🌷 ओम नमः शिवाय🌷🙏

           -© Sachin Kumar 🖋

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रविवार, 10 मई 2020

मेरे राम

 मेरे राम 

भोर की पहली किरण हो तुम
सुबह की शुरुआत राम-राम से
हृदय की असीम गहराइयों में
तुम ही तो बसे हो 
मेरे राम
प्रेम तुम ही हो 
अनुराग तुम ही हो 
मेरे राम
जीवन की बस एक अभिलाषा
राम मय हो सारा जीवन
मेरे राम
अब कहां ???
आ_राम तेरे बिना 
मेरे राम !!!

      -© सचिन कुमार 🖋
 

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शनिवार, 9 मई 2020

मेरे घनश्याम

मन के  दर्पण में तलसता 
कहाँ छुपा बैठा हैं मेरे घनश्याम
नश्वर जीवन की अनंत यात्रा के
तुम ही एक सच्चा साथी हो 
मुझ में तुम हो, तुम में मैं हूँ 
पर तेरी लीला तुम ही जानो 
मुझे नहीं इससे कोई काम
बस एक मात्र विनय तु सुनले मेरी 
इस जीवन के सत्य का बोध करा दे 
जीवन के इस गूढ रहस्य का 
अमृत पान करा तु  प्रभु जी मेरे
सारे भ्रम जाल मिटा दे ...! 
 
                   -© Sachin Kumar 


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उन्मुक्त उसका प्रेम

 मुक होकर भी उन्मुक्त उसका प्रेम है अपलक निहारते ही  खुशियों की तरंग स्पंदित कर जाती है,  निस्वार्थपुर्ण उसका सारा जीवन इस धरा पर तू ही  तो ...