शनिवार, 16 दिसंबर 2023

उन्मुक्त उसका प्रेम


 मुक होकर भी उन्मुक्त

उसका प्रेम है

अपलक निहारते ही 

खुशियों की तरंग

स्पंदित कर जाती है, 

निस्वार्थपुर्ण उसका सारा जीवन

इस धरा पर तू ही 

तो है जीवन का हस्ताक्षर

सासों से है तुमसे हमारा है नाता

तेरे बिना जीव जगत की 

कल्पना ही नहीं हो सकती 

कैसे कोई करे परिभाषित

तेरे अलौकिक दिव्यता से 

भरे निष्कपट प्रेम को,

मेरे प्रिय मित्र 

मेरे पेड़ - पौधे !


       -© Sachin Kumar 





तारों की बारात


 रंग बदलती रात

 तारों की बारात

 खुशियों की सौगात

अपनों का हो साथ 

  -© Sachin Kumar

Picture credit : Self

गुरुवार, 14 दिसंबर 2023

खुद की तलाश

 


खुद में खो कर खुद की तलाश जरूरी है, 

जिंदगी है छोटी खुद से मुलाकात जरूरी है l


बहुत कर ली अब मैने दुनिया से गुफ्तगू

खुद से भी बातें करना अब जरूरी है l


सुकून की तलाश में दर-दर मैं भटका

खुद में भटक कर सुकून पाना अब जरूरी है l


बहुत कोशिश कर ली  दुनिया निखारने की

खुद को भी निखारना अब जरूरी है l


दुनिया से कर ली बहुत दोस्ती मैंने

खुद से भी दोस्ती करना अब जरूरी है l


दूसरों को दे दी बहुत नसीहतें मैंने 

खुद को भी नसीहत देना अब जरूरी है l


दूसरों की खातिर जिलिया अब बहुत मैं

खुद के लिए भी अब जीना जरूरी है l


                          -© Sachin Kumar 





बुधवार, 13 दिसंबर 2023

प्रकृति मुसकुराती हुई



 घने कोहरे की चादर

शीतल पवन के झोके

ओस की बुंदों से 

बसुधा का श्रृंगार 

प्रकृति  मुसकुराती हुई

मानों बोल रही हो, 

क्यों दुबके हो रजाई में

अब तो उठ जाओ 

सुबह हो चुकी है...!!! 

-©Sachin Kumar ✍️

 Picture Credit : Self

सफर

 

   

                             इक सफर हो ऐसा

                             हमसफर मेरे 

                             नजारे हो खूबसूरत

                             रास्ते हो अजनबी 

                            और बक्त ठहर जाये 

                                -© Sachin Kumar

      #kabita

   Picture Crédit - Self


सोमवार, 11 दिसंबर 2023

मैं भरी दुपहरी का तपिश


 मैं भरी दुपहरी का तपिश,

तुम हो बारिश की बूँद प्रिये ll


मैं हूँ खार जल सा खारा,

तुम हो अमृत का कलश  प्रिये ll


मैं हूँ राह में पड़ा पत्थर ,

तुम हो बगिया का फूल प्रिये ll


मैं इक कलम का स्याही हूँ,

तुम हो ढाई आखर प्रेम प्रिये ll


अजब अनोखा अपना मिलन

ईश्वर का ही है खेल प्रिये ll


               -© सचिन कुमार ....🖋



picture credits - Self













 






बुधवार, 20 मई 2020

काले काले बादल

काले काले बादलों की अठखेलियां
ठंडी पुरवा हवा के झोंके
खुशगवार मौसम का मिजाज
बारिश की बूंदों का बरसना
प्यासी मिट्टी से आती  
सौंधी खुशबू की महक
 निशब्द करने वाली
 प्रकृति की अनुपम सुंदरता
 यही तो है 
ईश्वर का साक्षात वरदान !!!
 
           -© सचिन कुमार🖋
 
picture credit :self



 

उन्मुक्त उसका प्रेम

 मुक होकर भी उन्मुक्त उसका प्रेम है अपलक निहारते ही  खुशियों की तरंग स्पंदित कर जाती है,  निस्वार्थपुर्ण उसका सारा जीवन इस धरा पर तू ही  तो ...